prem kee sachchaee moh maaya se mukt hone ke 5 sashakt kadam

प्रेम एक ऐसा शब्द है जिसे हर कोई अपने जीवन में किसी न किसी रूप में अनुभव करता है।

Prem kee sachchaee: moh-maaya se mukt hone ke 5 sashakt kadam,
Love is a word that everyone experiences in some form or the other in their life.

लेकिन क्या हम वास्तव में प्रेम का सही अर्थ समझते हैं? अक्सर हम जिसे प्रेम मानते हैं, वह वास्तव में मोह या आकर्षण होता है। हम यह मानते हैं कि यदि कोई हमारे साथ एक खास प्रकार का व्यवहार करता है, तभी उसे प्रेम कहा जा सकता है। यह धारणा हमें प्रेम की गहराई और उसकी सच्चाई से दूर ले जाती है।

1. प्रेम और कल्पना: एक भ्रमित परिभाषा

मोह और माया:- हम अपने जीवन में इस उम्मीद से प्रेम करते हैं कि दूसरा व्यक्ति हमारे प्रति एक खास प्रकार का आचरण करेगा, और जब वह आचरण हमें मिल जाता है, तो हम उसे प्रेम का नाम देते हैं। यह प्रेम नहीं, बल्कि हमारी कल्पना की एक निष्पत्ति है। हम अपने दिमाग में एक सूची बनाते हैं कि क्या-क्या चीजें हमें दूसरे व्यक्ति के आचरण से चाहिए ताकि हम उसे प्रेम कह सकें। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई हमें उपहार दे या हमारी तारीफ करे, तो हम मान लेते हैं कि वह हमें प्रेम करता है। लेकिन यह प्रेम नहीं, बल्कि सिर्फ इच्छाओं की पूर्ति है।

a sign with red text

2. प्रेम: सुख या मुक्ति?

अक्सर लोग यह समझते हैं कि प्रेम का अर्थ सुख प्रदान करना है। हम यह मानते हैं कि अगर हम किसी को प्रेम करते हैं, तो हमें उन्हें सुखी रखना चाहिए, और बदले में वे भी हमें सुख देंगे। लेकिन यह प्रेम की सबसे सतही और घातक परिभाषा है। प्रेम का अर्थ यह नहीं है कि हम एक-दूसरे को सुख दें, बल्कि प्रेम का अर्थ मुक्ति है। सच्चा प्रेम हमें बंधनों से मुक्त करता है, न कि सुख की खोज में बांधता है।

जो लोग प्रेम को सुख से जोड़ते हैं, उनके लिए प्रेम एक और बंधन बन जाता है। वे सोचते हैं कि प्रेम का मतलब है एक-दूसरे को खुश रखना। लेकिन सच्चाई यह है कि प्रेम का सुख और दुख से कोई संबंध नहीं है। सच्चा प्रेम हमें उन सभी इच्छाओं और अपेक्षाओं से मुक्त करता है जो हमें संसार में बांधती हैं।

3. सच्चा प्रेम: एक निष्काम भाव

प्रेम की सच्चाई:- सच्चा प्रेम वह है जिसमें कोई अपेक्षा नहीं होती। यह वह प्रेम है जिसे संतों और महात्माओं ने अनुभव किया है। इस प्रेम में न तो किसी प्रकार की इच्छाएं होती हैं, न ही सुख की कोई चाहत। यह प्रेम हमें सच्चाई और मुक्ति की ओर ले जाता है।

हम अपने जीवन में अक्सर उन लोगों को प्रेमी मानते हैं, जो हमारे साथ समय बिताते हैं, शॉपिंग करते हैं, और हमारे साथ सुख-दुख साझा करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि उन्होंने केवल आपके साथ समय बिताया है, न कि सच्चा प्रेम किया है। जिन लोगों ने वास्तव में आपसे प्रेम किया है, उन्होंने बिना किसी अपेक्षा के, निष्काम भाव से प्रेम किया है। हो सकता है कि आप उन्हें जानते भी न हों या कभी मिले भी न हों, लेकिन उनका प्रेम शुद्ध और सच्चा है।

4. शांति की चाह: सच्चे प्रेम की निशानी

सच्चा प्रेम और भगवान:-प्रेम का एक और महत्वपूर्ण पहलू शांति है। हम सब जीवन में शांति की तलाश करते हैं। जब हम परेशान होते हैं, तो हमें शांति की तलाश होती है, और यही प्रेम है। प्रेम का मतलब है शांति की ओर आकर्षण। अगर आपका प्रेम आपको शांति की ओर ले जाता है, तो वह सच्चा प्रेम है।

जो प्रेम शांति की चाहत में नहीं है, वह सिर्फ इच्छाओं और सुख की खोज है। अगर आप किसी से प्रेम करते हैं और उनसे केवल सुख की उम्मीद रखते हैं, तो यह प्रेम नहीं है। यह सिर्फ एक स्वार्थी चाहत है। सच्चा प्रेम वह है जो शांति और मुक्ति की दिशा में ले जाता है। (Credit of this image by:-Acharya Prashant)

 

 

 

5. प्रेम और सच्चाई

प्रेम की सच्चाई यह है कि यह हमें सच्चाई की ओर ले जाता है। जब हम सच्चे प्रेम में होते हैं, तो हमें किसी प्रकार की चिंता या दुख का सामना नहीं करना पड़ता। प्रेम हमें हर प्रकार के बंधनों से मुक्त करता है और हमें हमारी सच्चाई से मिलाता है। (Credit of this image by:-Acharya Prashant)

आर्चाय प्रशांत जी

प्रेम का अर्थ है सच्चाई की चाहत, न कि सुख या दुख की। जो व्यक्ति सच्चे प्रेम का अनुभव करता है, वह अपने जीवन में सच्चाई की ओर अग्रसर होता है। उसे यह समझ में आता है कि प्रेम का कोई स्वार्थ नहीं होता और न ही कोई अपेक्षा।

निष्कर्ष: प्रेम की सच्चाई को समझें

 

प्रेम को सही तरीके से समझना जरूरी है। यह न तो सुख देने का नाम है, न ही किसी से सुख पाने का। यह केवल शांति और सच्चाई की ओर जाने का मार्ग है। जब हम सच्चे प्रेम का अनुभव करते हैं, तो हमें संसार के सभी बंधनों से मुक्ति मिलती है।

सच्चा प्रेम वह है जिसमें कोई स्वार्थ नहीं होता, कोई अपेक्षा नहीं होती। यह हमें केवल शांति और सच्चाई की ओर ले जाता है। अगर हम इस प्रेम को समझ लें, तो हमारा जीवन सार्थक हो जाएगा।

Note :- यह वक्तिगत विचार है, आपके विचार अलग हो सकते हैं।

यह लेख आर्चाय प्रशांत जी के वीडियो से प्रेरित होकर लिखा गया है, इसका श्रेय आर्चाय प्रशांत जी को जाता है। उनके वीडियो लिंक नीचे दिए गए हैं

 

Love is a word that everyone experiences in some form or the other in their life.

For Complete details watch this video by Acharya Prashant:-https://youtu.be/Z-DKB-Cwn0o?si=wxk-3oJbFxWFv5yr

आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ें :-https://www.youtube.com/redirect?event=video_description&redir_token=QUFFLUhqbmduZFJVRXIxXy0zYjVPSkVza1pCZ0pZX0hOZ3xBQ3Jtc0tueEN3TnFNTHgzQ2o2d3lPMloyZUZiZnl3eUU0cXByaVFNYWtHWDJCa1NuR0hDd2FROURfRlBxc2FsQk44RG9UblNrcEQ2WWhtVVZMWVEtUURzQndyekdmMzJFUnk2MVBJazVEX2h0bTJEYjN1RXZBTQ&q=https%3A%2F%2Facharyaprashant.org%2Fen%2Fbooks%3FcmId%3Dm00031&v=Z-DKB-Cwn0o


यह पोस्ट प्रेम की गहराई और उसकी सच्चाई को समझने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है, जो पाठकों को प्रेम और मोह के बीच के अंतर को जानने और सच्ची शांति की खोज के महत्व को समझने में मदद करेगी।

Prem ek aisa shabd hai jise har koee apane jeevan mein,
kisee na kisee roop mein anubhav karata hai.

“प्रेम की सच्चाई को समझें: मोह-माया से अलग सच्चे प्रेम का अनुभव कैसे करें, निष्काम प्रेम का महत्व और शांति की ओर प्रेम का मार्ग। जानिए सच्चे प्रेम और इच्छाओं के बीच का अंतर।

Leave a Comment